सूर्य मन्दिर की आभा में इस बार का तानसेन समारोह

-अखिल भारतीय तानसेन संगीत समारोह की शुरुआत 17 दिसंबर से
ग्वालियर।अखिल भारतीय तानसेन संगीत समारोह की शुरुआत १७ दिसंबर से होने जा रही है। इस बार तानसेन संगीत समारोह के मंच का डिजाइन और थीम भी संस्कृति विभाग ने तय कर ली है। मंच को गोला का मंदिर स्थित सूर्य मंदिर की तर्ज पर डिजाइन किया जाएगा। इसके अलावा बैकड्रॉप पर संगीत सम्राट तानसेन का ध्रुपद रियाज करते हुए बेहट के शिवमंदिर का फोटो भी शामिल रहेगा। तानसेन संगीत समारोह के दौरान कुल १० संगीत सभाएं होंगी। इनमें तानसेन की समाधि स्थल पर ७, बेहट, गूजरी महल और इंटक मैदान में एक-एक संगीत सभाएं होंगी। इन सभाओं के दौरान इसी थीम का मंच रहेगा। समारोह में सुबह की सभा १० और शाम की सभा ७ बजे से शुरू होगी।
--------------------------------------
संस्कृति विभाग द्वारा तैयार किया गया मंच का डिजाइन
किस वर्ष क्या रही समारोह की थीम
पांच दिवसीय तानसेन समारोह में इस वर्ष की थीम सूर्य मंदिर है। वर्ष २०१८ में इसकी थीम बटेश्वर, २०१७ में अस्सी खंबे की बावड़ी, २०१६ में सहस्त्र बाहु मंदिर और वर्ष २०१५ में इसकी थीम ६४ योगिनी मंदिर रखी गई थी।
----------------------------------
इसलिए चुना गया सूर्य मंदिर
कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर शहर में इस मंदिर का निर्माण बसंत बिड़ला ने १९८८ में करवाया था। यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमुना है। मंदिर को एक बड़े चबूतरे के ऊपर बीच में २४ चक्रों और सात घोड़ों से खींचे जाने वाले रथ के रूप में बनाया गया है। इसे बनाने में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया है।